पापा के बॉस को जिस्म से रिझाया : XXX चूत चुदाई स्टोरी भाग 1

पापा के बॉस को जिस्म से रिझाया : XXX चूत चुदाई स्टोरी भाग 1

हेलो दोस्तों मैं सोफिया खान हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “पापा के बॉस को जिस्म से रिझाया : XXX चूत चुदाई स्टोरी भाग 1”। यह कहानी तन्वी की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएंगी मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

XXX चूत चुदाई कहानी में मैं अपने लालच के लिए अपने पापा के बॉस को अपनी जवानी के नजारे दिखाने लगी. वो पहले से ही मेरे सेक्सी बदन पर अपनी बुरी नजर रखे हुए थे.

मेरे प्यारे पाठको,

एक बार ऐसा हुआ कि मैंने अपने पिता से एक महंगी ड्रेस खरीदने के लिए कहा।
लेकिन पापा ने मुझसे कहा- अभी मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं, तुम बाद में ले लेना.

और ये बात सौरभ अंकल को पता चल गयी.
अगले ही दिन वह ड्रेस मेरे लिए ले आये।

उस दिन के बाद से मैं सोचने लगी कि क्यों न अंकल का फायदा उठाकर अपना महँगा शौक पूरा किया जाए।

अब जब भी अंकल आते तो मैं उनके सामने छोटे कपड़े पहनने लगी.
मैं जानबूझ कर उसके सामने झुकती थी और उसे अपने Big Boobs के उभार दिखाती थी।
मैं जानबूझ कर उसके साथ सोफ़े पर बैठती और अपने पैर और हाथ उससे छूती।

अंकल भी मुझे छूने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे; कभी वो मेरी जाँघ को छूता तो कभी मेरी पीठ को!
मैं उन्हें अपना जलवा दिखाकर अपनी ओर आकर्षित करती थी. (XXX चूत चुदाई)

एक बार ऐसा हुआ कि माँ कुछ दिनों के लिए अपने मायके गयी हुई थी और घर पर केवल पापा और मैं थे।
अंकल को पता था कि माँ नहीं है.

एक दिन शाम को अंकल आये थे और बातें करते-करते अंकल ने पापा से पूछा- आप ऑफिस जाते हैं और तन्वी कॉलेज… तो फिर दिन में घर पर कौन रहता है?

पापा ने उन्हें बताया- तन्वी के पैर में मोच आ गई है, इसलिए वह घर पर ही रहती है और अभी कॉलेज नहीं जा रही है।

मेरे पापा बहुत सीधे-साधे हैं, उन्हें नहीं पता था कि उनका बॉस उनकी पत्नी की बुरी तरह से Chut Chudai करता है और उनकी बेटी पर भी बुरी नज़र रखता है।

अगली सुबह जब पापा ऑफिस चले गये तो दोपहर को अंकल मेरी तबीयत पूछने के बहाने घर आये।
वह काफी देर तक मेरे साथ रहे और हम बातें करते रहे.’

अंकल मुझसे बात तो कर रहे थे लेकिन उनकी नजर मेरी छाती और जांघों पर ही थी. मेरे मन में तो पहले ही आ चुका था कि मैं उन्हें इसी तरह अपना बदन दिखाती रहूँ और अपना काम करवाती रहूँ।

बातें करते-करते अंकल ने पूछा- तुम्हारे पैर में मोच का दर्द अब कैसा है?
मैंने कहा- बिल्कुल आराम नहीं है अंकल!

इस पर अंकल ने कहा- मैं कल तुम्हारे लिए तेल लाऊंगा, उसे लगा लेना, तुम्हें बहुत आराम मिलेगा.
इसके बाद कुछ देर बाद वह चला गया।

उसी रात मैं सोच रही थी कि अंकल से कुछ पैसे मांग लूं ताकि मजे कर सकूं.
लेकिन मुझे ऐसा क्या करना चाहिए कि वे मेरी बात से सहमत हो जाएं?

फिर मैंने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल किया और सब कुछ सोचा कि क्या करना है. अगली सुबह मैं जल्दी उठी, अपने पिता के लिए नाश्ता तैयार किया और उन्हें ऑफिस भेज दिया।

इसके बाद मैं बाथरूम में चली गयी. वहां मैंने अपनी चूत के बालों को अच्छे से साफ किया और बिना ब्रा और पैंटी पहने सिर्फ हाफ लोअर और टी-शर्ट पहनकर आई। (XXX चूत चुदाई)

मैंने जानबूझ कर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी क्योंकि मेरे दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था.

मुझे पता था कि अंकल आज जरूर आएंगे और आज मैं उन्हें इतना मदहोश कर दूंगी कि वो मेरी हर बात के लिए तैयार हो जाएंगे. मैंने सोच लिया था कि मुझे क्या करना है और कितना करना है.

अब मैं अंकल के आने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी क्योंकि मुझे पता था कि वो जरूर आएंगे ये जानते हुए भी कि मैं घर पर अकेली हूं.

दोपहर के 12 बज गये लेकिन अंकल नहीं आये.
मैंने खाना खाया और घर की बालकनी में बेचैनी से टहल रही थी.

तभी अंकल की कार मेरे घर के सामने आकर खड़ी हो गयी.
उन्हें देखकर मेरे अंदर एक अलग तरह का उत्साह आ गया.
मैं जल्दी से जाकर सोफे पर बैठ गयी.

कुछ देर में दरवाजे की घंटी बजी और मैंने दरवाजा खोला.
अंकल मुस्कुराते हुए अन्दर आये और सोफ़े पर बैठ गये.

उन्होंने मुझसे पूछा- अब आपके पैर का दर्द कैसा है?
मैंने कहा- अंकल, आराम नहीं है, बहुत दर्द हो रहा है.

अंकल बोले- ये लो, ये तेल मैं तुम्हारे लिए लाया हूँ. इससे मसाज करने पर काफी राहत मिलेगी।

मैंने मौका भांपते हुए कहा- अंकल, अभी लगा लू क्या?
उन्होंने कहा- हां हां, जरूर लगाओ. (XXX चूत चुदाई)

मैंने तेल की शीशी खोली और सोफ़े पर बैठ कर अपने पैरों पर तेल लगाने लगी.

मैंने नाटक करते हुए अंकल से ऐसे जताया जैसे मुझे बहुत दर्द हो रहा हो.
जबकि मेरे पैर का दर्द अब पूरी तरह से ठीक हो गया था.

मेरी हालत देख कर अंकल बोले- Tanvi, रहने दो, लाओ मैं लगा देता हूँ.

“नहीं अंकल, मैं लगा लूंगी।”
मैंने ऐसा नाटक किया.
और नाटक करते हुए अपने पैरों पर तेल लगाने लगी.
मैं ऐसा दिखावा कर रही थी मानो मुझे तेल लगाने में बहुत परेशानी हो रही हो।

यह सब देखकर अंकल ने जबरदस्ती मुझसे तेल की शीशी ले ली और अब अंकल मेरे पैरों पर तेल लगाने लगे.

सबसे पहले अंकल ने अपने हाथों में तेल लिया और हल्के हाथों से मेरे पैरों पर तेल लगाना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद अंकल ने मुझसे कहा- अपने पैर सीधे कर लो.
लेकिन वहां ज्यादा जगह नहीं थी तो मैंने कहा- अंकल, मैं यहां पैर सीधे नहीं कर पा रही हूं.

कुछ देर चुप रहने के बाद अंकल बोले- फिर क्या करें?
मैंने बोला – मेरे बेडरूम में आ जाओ.. वहां आसानी होगी।

अंकल को तो जैसे इसी का इंतज़ार था, वो तुरंत मान गये.
हम दोनों उठे और बेडरूम की ओर चल दिये.

बेडरूम में जाकर मैं बिस्तर पर लेट गई और अंकल मेरे पास बैठ गए और मेरे पैरों पर तेल लगाकर मालिश करने लगे.

मैंने उसी वक्त अपना फोन उठाया और ठीक 10 मिनट बाद का अलार्म लगा दिया. मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि जब अलार्म बजे तो अंकल को लगे जैसे किसी ने कॉल किया हो. (XXX चूत चुदाई)

कुछ देर तक मैंने अपने दोनों पैर सीधे रखे हुए थे और अंकल उनकी तेल से मालिश कर रहे थे.
फिर अंकल ने मुझसे कहा- अपने घुटने मोड़ लो.

अब मैंने अपने दोनों पैरों को फैलाया और इस तरह मोड़ा कि पैरों के बीच से मेरी चूत दिखाई देने लगी।

जैसे ही मैंने अपने पैर इस पोजीशन में रखे तो अंकल की नज़र मेरी Tight Chut की तरफ गयी.
उनकी आंखों की चमक से साफ पता चल रहा था कि अंकल को मेरी हाफ लोअर के नीचे से मेरी चूत दिख रही थी.

अब उसके हाथ थोड़ा कांपने लगे और उसकी जीभ भी लड़खड़ाने लगी. उस वक्त मैं जानबूझ कर अपने पैर हिला रही थी ताकि मेरा लोअर नीचे से खुल जाये और मेरी चूत अंकल को दिख जाये.

कुछ देर बाद मैंने देखा कि अंकल की पैंट आगे से टाइट हो गयी थी.

मैं समझ गयी कि अंकल का लंड खड़ा हो गया है.
मेरी छोटी सी गुलाबी चूत देख कर उसका लंड खड़ा होना लाजमी था.

मैं अंकल की नजरों को महसूस कर रही थी.

अंकल कुछ देर तक मेरे पैरों पर तेल लगाते, फिर मेरी चूत की तरफ अपनी नजर घुमाते.
मैं जानती थी कि उसे मेरी आधी खुली लोअर में से मेरी चूत की झलक मिल रही थी।

कुछ देर बाद मेरे फोन का अलार्म बजा और मैंने फोन ऐसे उठाया जैसे किसी ने फोन किया हो.

मैंने हेलो कहा और अपने एक दोस्त का नाम लेकर बात करने का नाटक करने लगी. अंकल मेरी बात ध्यान से सुन रहे थे और बार-बार अपनी गंदी नजर मेरी चूत पर टिका देते थे. (XXX चूत चुदाई)

मैं बहुत परेशान होने का नाटक करके फोन पर बात कर रही थी और अंकल सब सुन रहे थे. मैंने कुछ देर तक ऐसे ही नाटक किया और फिर फोन काट कर एक तरफ रख दिया.

मैं अपने हाथों से अपना माथा पीटने लगी और आंखें बंद करके लेटा रहा.

अंकल ने मुझसे पूछा- क्या हुआ तन्वी?
लेकिन मैं बार-बार उसे कुछ भी बताने से मना करती रही.

बाद में जब उन्होंने जोर दिया तो मैंने कहा- अंकल, मैं आपको बताऊंगी. लेकिन ये बात मम्मी पापा को मत बताना.
मैंने उससे वादा लिया और उसने ये बात किसी को न बताने का वादा किया.

तब मैंने उनसे कहा- बात यह है अंकल कि मैंने अपने दोस्त से कुछ पैसे उधार लिए थे और अब वह पैसे वापस मांग रही है लेकिन मेरे पास अभी पैसे नहीं हैं। अंकल बोले- कितने पैसे देने है?

मैंने कहा- धीरे-धीरे ये 20 हजार के करीब हो गए है. उसने मुझे किसी और से ब्याज पर कर्ज दिलाया था।

अंकल बोले- बस, कोई बात नहीं, तुम मुझसे ले लो और किसी को पता भी नहीं चलेगा. बस इतना ही दोस्तो, यही तो मैं चाहती थी, मेरा तीर सही जगह पर लगा था।

पहले तो मैं मना करती रही लेकिन फिर मान गयी. मैं सोच रही थी कि आज मुझे मेरी मेहनत का फल मिल गया.

उधर अंकल का हाथ अब मेरी टांगों से हट कर मेरी जांघों पर पहुंच गया था और अब वो मेरी जांघों को सहला रहे थे.
आज मैं उसे बिल्कुल भी मना नहीं कर रही थी इसलिए वो बड़े आराम से मेरी जांघ को सहला कर मजा ले रहा था.

अंकल बोले- ये तेल इतना अच्छा है कि इससे मालिश करने से पूरे शरीर का दर्द दूर हो जाता है.

वो इतना कहने ही वाला था कि मैंने मौके के मुताबिक उससे फिर कहा- अगर ऐसी बात है तो कल मेरी कमर की मालिश कर देना, बहुत दर्द होता है. ये सुनते ही उनकी आंखों में एक अलग सी चमक आ गई.

उसने कहा- बिल्कुल.. मैं कल आऊंगा और तुम्हारे लिए पैसों का इंतजाम भी करना होगा। उसके बाद मैंने उसके लिए चाय बनाई और हम दोनों ने चाय पी और फिर वो चला गया. (XXX चूत चुदाई)

इसके बाद शाम को जब पापा घर आए तो उन्होंने मुझे ऐसी खबर दी जिसके बाद मेरे मन में कुछ और ही बातें आने लगीं.

पापा ने मुझसे कहा- कल सुबह मुझे ऑफिस के जरूरी काम से बाहर जाना है. तुम्हारी माँ भी नहीं है तो तुम दो दिन हमारे बॉस के घर पर रहोगी, मैंने उनसे बात कर ली है।

अब मुझे लगने लगा था कि अंकल ने मुझे अपने घर पर रोकने के लिए कुछ किया है और वो मुझे चोदने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि अंकल अपने घर पर अकेले रहते थे.

यदि हां, तो यह अच्छी खबर नहीं थी क्योंकि मैं उससे चुदाई नहीं करवाना चाहती थी। मैं बस अपना बदन दिखाकर उससे पैसे और महंगे तोहफे पाना चाहती थी।

कुछ देर शांत रहने के बाद मैंने सोचा कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है … और चुदना या न चुदना मेरे ऊपर है. वो मुझे जबरदस्ती नहीं चोदेंगे.

इसके बाद रात को पापा और मैंने खाना खाया.
फिर मैंने पापा का बैग पैक किया और उनके जाने की सारी तैयारी कर ली.

पापा सुबह 8 बजे चले गए और मुझसे कहा कि कुछ देर बाद मेरे बॉस आएंगे और तुम्हें ले जाएंगे। इसके बाद मैंने भी अपना बैग तैयार किया और कुछ जरूरी सामान और कपड़े लेकर तैयार हो गयी.

सुबह 11 बजे अंकल आये और हम दोनों उनकी कार में उनके घर की ओर चल दिये. उसने मुझे अपने घर छोड़ा और ऑफिस चला गया।

प्रिय पाठको, यह XXX चूत चुदाई कहानी अगले भाग में समाप्त होगी।
मुझे बताइये आपको ये कहानी कैसी लगी?

कहानी का अगला भाग: XXX चूत चुदाई स्टोरी

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