कैसे चाचा ने चलती ट्रैन मै मम्मी की गांड मारी, मेरी आँखों के सामने

कैसे चाचा ने चलती ट्रैन मै मम्मी की गांड मारी, मेरी आँखों के सामने

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम पंकज उदास है और मै लाया हू एक मजेदार स्टोरी, आज मै आपको बताने जा रहा हू की चाचा ने चलती ट्रैन मै मम्मी की गांड मारी मेरी आँखों के सामने मै दावे के साथ कह सकता हू इसे पढ़कर आपकी पैंट गीली हो जाएगी तो चलिए शुरू करते है बिना किसी देरी के,

हेलो दोस्तो मेरा नाम पंकज उदास है और मैं आप को अपनी मां और चाचा की चुदाई की कहानी बताना जा रहा हूं जो 3 महीने पहले की है। मेरी माँ का नाम सविता है, देखने में वो बहुत खूबसूरत है और उनका फिगर 38-32-40 का है। मम्मी की गांड बहुत सेक्सी है और पीछे को उभरी हुई है।

हम रिश्तेदार की शादी अटेंड करने के लिए भोपाल जा रहे थे, और हमारे ट्रेन के एसी वाले दब्बे एम सीट बुक थी। एक ही केबिन में हमें सीटें मिल गईं। मैं, मम्मी और मेरी छोटी बहन और चाचा भी साथ ही जा रहे थे। मेरा चाचा 28 साल के है और बहुत ही मस्कुलर है। उस दिन मम्मी ने पीले रंग का सलवार कमीज पहना हुआ था। जिस्मे उनके स्तन भारी से लग रहे थे, मैंने देखा था जब भी चाचा घर आते थे तो चाचा की नज़र मम्मी के स्तन और गांड पर ही रहती थी, वो कोई मौका नहीं छोड़ता था मम्मी को ताड़ने का और उन्हें छुने का।

मम्मी और चाचा दोनों ही आगे वाली सीट पर आमने-सामने बैठे थे और मै और मेरी बहन ऊप्पर वाली पर , मेरी बहन तो खाना खा कर टूरंट ही सो गई थी, और हम हेडफोन लगा कर गाने सुन रहा था। मम्मी और चाचा दोनो ही बात कर रहे थे फिर थोड़ी देर बाद मम्मी ने मुझे लाइट ऑफ करने को बोला और वो दोनो भी सोने लगे, फिर मैं भी सो गऔर।

मेरी आधी रात नींद खुली तो मै एकदम चोंक गऔर, चाचा ने अपना 8 इंच लंबा लंड बाहर निकल रखा था और मम्मी दूसरी तरफ मुंह करके सो रही थी तो वो उनकी गांड को देख कर अपना लंड सेहला रहे थे। तब ही मम्मी ने करवट ली और चाचा का लंड देख कर डर के उठ गई और अपने दुपट्टे से अपने स्तनों को छुपाने लगी, मैंने आंख बंद करके दूसरी तरफ मुंह कर लिया

मम्मी: चाचा से बोली क्या कर रहे हो ?

चाचा: सॉरी, सॉरी भाभी, प्लीज मुझे माफ कर दो भाभी

और फिर वो केबिन से बाहर निकल गई, और मम्मी बैठ कर कुछ सोचने लगी, फिर उन्हें अपने दुपट्टे हटाया और अपने स्तनों को कमीज से बाहर निकल लिया और उन्हें चादर से ढक के बाहर निकल गई, मैं ये देख कर दंग रह गऔर कि वो कितने मोटे और सफेद है, मेरा मन तो कर रहा था कि मैं अभी जा के चूस डालू उन्हें।

फिर थोड़ी देर बाद चाचा फिर अंदर आए वो अपनी नजर छुपाए रहे मम्मी से और मम्मी उन्हें देख कर हंसने लगी। चाचा मम्मी के सामने बैठ कर उनसे माफ़ी माँगने लगे,

मम्मी: क्या  मैं तुम्हे हॉट लगती हूँ?

चाचा: हा भाभी आप बहुत खुबसूरत हो।

फिर मम्मी ने चादर गिरा दी और अपने दोनों स्तनों को चाचा को दिखाने लगी, चाचा एक दम शांत हो के उनके स्तनों को निहारते रहे। फिर मम्मी ने इशारे करके उन्हें अपनी सीट पर आने को कहा, चाचा तुरंट उठ कर उनकी सीट पर जेक मम्मी को किस करने की कोशिश करने लगे, मम्मी लेट गई और तांगे उठा कर चाचा को उनका सलवार उतारने के लिए बोलने लगी। चाचा ने एक ही बार मम्मी का सलवार और पैंटी दोनों ही उतार कर मम्मी को नीचे से नंगा कर दिया और।

मम्मी बड़े आराम से चाचा से अपनी चूत चटवा रही थी, और चाचा भी मम्मी की चूत पर जीब फेर रहे थे

मम्मी: उम्म्म… आआआ .. ह्ह्ह .. उफ्फ्फ….

फिर मम्मी जैसा ही गरम हुई, उन्हें चाचा को धक्का दे कर उठी और और उठ कर उनके होठों को चूसने लगी, चाचा का तो जैसा सपना पूरा हो गया हो आज, उन्होन मम्मी को किस करते हुए उनके बाल खोल दिए और और उनकी कमीज के अंदर हाथ डालके उनकी पीठ को सहला रहा था। फ़िर मम्मी ने चाचा के नीचे को नीचे सरकायाऔर उनको उछाला हुआ लंड को मुँह में भर लिया। मेरी पैरों तले ज़मीन खिसक गई , और मैं सोचना लगा कि मम्मी तो बहुत बड़ी रांड है जो ऐसी लगी पड़ी है।

मैं ऊपर से सब कुछ चुप चाप देख रहा था। अब चाचा ने मम्मी की कमीज़ उतारी और ब्रा खींच कर फाड़ दी, मम्मी बोलने लगी “आराम से” बच्चे उठ जायेंगे। मम्मी के मोटे मोटे 38 के स्तन आजाद होते ही उनके चाचा ने मुंह में भर लिया और उनके निपल्स को कभी चूसते तो कभी दांतों से काट रहे थे, चाचा बिल्कुल हाय वाइल्ड हो चुके थे मम्मी को नंगा पा कर, उनके मसलने से मम्मी के स्तन बहुत टाइट हो गए.

मम्मी: आह्ह…. उउउ…ईईईई… खा जौ इन्हे पूरा उफ्फ्फ….. चबा डालो इन्हे म्म्म्म….

अब चाचा ने मम्मी को डॉगीस्टाइल में बैठाऔर और उनकी गांड पर 3-4 चाटते मरने लगे, मम्मी की गांड बहुत गोरी और मोटी थी।

चाचा : भाभी क्या गांड है आपकी, चमक रही है।

फिर अपना लंड मम्मी के गांड के बीच में रखा और रगड़ना लगे। मम्मी ये देख कर डर गयी.

मम्मी: तुम क्या कर रहे हो

चाचा: भाभी अभी पीछे से आपकी मुलायम गांड मारूंगा।

मम्मी: प्लीज गांड नहीं, चूत मारो जितनी मर्जी, क्योंकि तुम्हारा लंड काफी बड़ा है, मेरी चूत को चाहे तुम फाड़ दो पर गांड रहना दो।

चाचा (जल्दबाजी में हुआ): भाभी मुझे आपकी गांड बहुत मस्त लगती है, मैं आपकी गांड मारना चाहता था , और हमारा सफर काफी लंबा है चूत तो मैं कभी भी मार लूंगा, और इतने बड़े गांड होने का क्या  फायदा जब किसी को इसका मजा ही ना मिले.

मम्मी: मेरा छेद बहुत छोटा है और तुम्हारा अंदर नहीं घुस पायेगा।

चाचा: भाभी, तुम मुझे चोदने दो।

फ़िर चाचा मम्मी के चुट्टड़ को कुत्तो की तरह दांतों से काटने लगे और बीच बीच में उनकी दरार को भी चाट रहा था। मम्मी को भी बहुत मजा आ रहा था वो भी शुद्ध जोश में आ गयी थी,

मम्मी : आह्ह्ह्ह फाड़ डालो उम्म्म्म आज ये गांड तुम्हारे हवाले उह्ह्ह्ह

मम्मी: उफफफफफफ्फ़, सस्शहहहहहहहहहहहहहहहहहहह बहुत मस्त सिस्कारिऔर ले रही थी.

मम्मी: आआहह, …कितना तड़पाओगे उफफफ्फ़….उम्म……

फ़िर चाचा ने अपना लंड मम्मी के ऊप्पर रखा या एक ज़ोरदार धक्का मारने लगे। जिसका लंड का टोपा अंदर घुस गया पर मम्मी को बहुत दर्द होने लगा या वो रोने लगी, फिर चाचा ने एक या धक्का मारा तो उनका लंड और अंदर घुस गया। मम्मी की गाली निकलते निकलते जैसा गले म रुक गई हो उनका मुंह पूरा खुला हुआ था, और चाचा धीरे-धीरे मम्मी की गांड मार रहे थे, हर झटके से मम्मी कानप सी रही थी।

फिर थोड़ी देर में उनका लंड पूरा अंदर घुस गया या वो मम्मी की गांड को बेहराम होके चोद रहा था। ऐसा लग रहा था जैसा कोई घोड़ा चोद रहा हो। मम्मी भी अब चाचा का साथ दे रही थी, वो धीरे-धीरे उम्म्म आअह्ह्ह कर रही थी।

मम्मी: आआआआ फट गयी मेरी गांड आआआ माँ बचाओ कोई मुझे आआआ निकालो मेरी चूत का भोसड़ा बन गया”।

चाचा ने मम्मी को कुतिया बना कर 20 मिनट तक उनकी गांड मारी फिर उन्हीं के अंदर झड़ गए चाचा का इतना वीर्य निकला कि मम्मी की गांड से भी ज्यादा तप रहा था, फिर दोनों अलग अलग होके एक ही सीट पर नंगे हो गए।

मम्मी की हालत देख कर लग रहा था जैसा उन्हें बहुत दर्द हो रहा है, वो पुरे पसीने से लतपत हो चुकी थी, और चाचा अभी भी हाफ रहे थे। फिर चाचा और मम्मी दोनों एक दूसरे को हवस की नजरों से देखने लगे जैसा ये तो अभी पहला राउंड था, और चाचा फिर से मम्मी को चूमने या चाटने लगे। चाचा ने मम्मी के जिस्म का एक भी हिस्सा ऐसा नहीं छोड़ा था जहां उनकी जीब नहीं गई हो।

फिर चाचा मम्मी के ऊपर आ गया,  ऊपर से अँधेरा मै चाचा का काला लंड मम्मी की चूत में घुसा हुआ साफ दिख रहा या वो मम्मी को धीरे धीरे चोदने लगे, मम्मी भी उनका पूरा साथ दे रही थी अपनी कमर मटका मटका कर।

थोड़ी देर बाद चाचा ने मम्मी को उठाया या उन्हें ट्रेन की सीट के बीच झुका दिया, उनकी पीठ और कमर को चूमते हुए मम्मी की चूत चोदने लगे, अब चाचा की स्पीड भी तेज हो गई थी, अब वो काफी ज़ोर से धक्के मार रहे थे, ऐसा ही एक जोर से धक्के से मम्मी खिड़की से जा चिपकी, या मम्मी ने गलती से खिड़की के पर्दे गिरा दिया। ट्रेन भी धीमी गति से चलती थी या सुबह हो रही थी, मम्मी अब बिलकुल नंगी रस्ते में लोगो को दिखते हुए चुद रही थी।

मम्मी: “आआआआ माआआआआ मर गई.

चाचा को भी मम्मी को सबके सामने चोदने में मजा आ रहा था तो वो या तेजी से मम्मी को चोदने लगे, या मम्मी या आगे विंडो से चिपक गई उनके स्तन सिसा से अब दब रहे थे, रास्ते में आते जाते लोगो को जन्नत दिखती हुई मम्मी और चाचा बिना शर्मा के चुदाई कर रहे थे।

चाचा ने इस बार मम्मी को 30 मिनट तक ऐसे ही चोदते रहे फिर जब वो निकलना वाले थे तो वो उठ कर बैठ गए या मम्मी के मुंह में अपना लंड डाल कर उन्हें चूसना लगे, फिर मम्मी के मुंह में ही अपनी सारी क्रीम छोर्ड दी , कुछ उनके चेहरा पर कुछ उनके होठों पर।

फ़िर चाचा या मम्मी दोनो अपनी अपनी सीट, मम्मी ने खुद को चादर से कवर किया और चाचा ने भी और दोनो ही नंगे सो गये।

तो देखा आपने कैसे चाचा ने चलती ट्रैन मै मम्मी की गांड मारी दोस्तों कैसी लगी मेरी स्टोरी मैंने कहा था आपकी पैंट गीली होने वाली है , तो चलिए मिलते है अगली स्टोरी मैं तब तक के लिए अपना ध्यान रखिये , और हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए हिंदी सेक्स स्टोरी पर क्लिक करे

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